झारखंड विधानसभा का बजट सत्र आज से शुरु, बाबूलाल सदन में नहीं होंगे नेता प्रतिपक्ष, कांग्रेस बनी राह में रोड़ा

रांची : झारखंड विधानसभा का बजट सत्र आज से शुरू होगा और 28 मार्च तक चलेगा.
इसके लिए वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव तीन मार्च को वर्ष 2020-21 का बजट पेश करेंगे.
सत्र के दौरान दो, 16 और 23 मार्च को मुख्यमंत्री प्रश्नकाल होगा.
इसमें सदस्य नीतिगत मामलों में मुख्यमंत्री से सवाल पूछ सकते हैं. एक माह तक चलनेवाले सत्र में 18 दिन कार्यदिवस रहेगा.
चार से छह मार्च को बजट पर बहस होगी. 12 से 13 और 17 से 20 और 23-24 मार्च को
अनुदान मांगों पर बहस होगी और इसी दिन सरकार जवाब देगी.
बाबूलाल सदन में नहीं होंगे नेता प्रतिपक्ष
बाबूलाल मरांडी को भाजपा विधायक दल का नेता तो चुन लिया गया है | लेकिन उन्हें
विधानसभा में भाजपा सदस्य के रूप में अब तक मान्यता नहीं मिल पायी है.
ऐसे में वे सदन में नेता प्रतिपक्ष नहीं बन पायेंगे. स्पीकर रवींद्र नाथ महतो ने भाजपा की
ओर से भेजे गये उस पत्र पर अब तक कोई निर्णय नहीं लिया है, जिसमें श्री मरांडी को
भाजपा सदस्य के रूप में मान्यता प्रदान करने और विधायक दल का नेता के लिए सीट
आवंटित करने का आग्रह किया गया है|
विरोध करेंगे भाजपा विधायक
भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी शुक्रवार से शुरू होने वाले विधानसभा के बजट सत्र में मौजूद रहेंगे.
सदन के अंदर अगर मरांडी को नेता प्रतिपक्ष कि सीट नहीं मिली तो भाजपा विधायक इसका
जोरदार विरोध दर्ज करा सकते हैं|
इसको लेकर गुरुवार को प्रदेश भाजपा कार्यालय में आयोजित भाजपा विधायक दल की बैठक
में रणनीति बनी. विधायक अनंत ओझा ने कहा कि भाजपा विधायक दल ने श्री मरांडी को विधायक दल का नेता चुना है.
लेकिन अब तक उन्हें इस संबंध में विधानसभा का कोई पत्र नहीं मिला है. हम लोग आशा करते हैं
कि स्पीकर अपने दायित्व का निर्वहन करेंगे. बैठक में बाबूलाल मरांडी, दीपक प्रकाश, धर्मपाल सिंह, सीपी सिंह
समेत पार्टी के सभी विधायक मौजूद थे.
कांग्रेस बनी राह में रोड़ा
कांग्रेस ने बाबूलाल को नेता प्रतिपक्ष मानने से इन्कार कर दिया है. पार्टी का कहना है कि किसी भी
पार्टी के दो तिहाई विधायक जिधर विलय के लिए जा रहे हैं, उसे ही मूल विलय माना जाएगा.
पार्टी ने इसके लिए विधानसभा अध्यक्ष से भी बाबूलाल को नेता प्रतिपक्ष नहीं मानने की गुजारिश की है.
झारखंड विधानसभा चुनाव में झाविमो के तीन विधायक बाबूलाल मरांडी, बंधु तिर्की और प्रदीप यादव विधायक चुने गए.
भाजपा में विलय से पहले बाबूलाल ने अपने दोनों विधायकों को पार्टी से निष्कासित कर दिया.
इसके बाद बंधु और प्रदीप कांग्रेस में शामिल हो गए.
मामले को स्पीकर स्वयं देख रहे – हेमंत
मुख्यमंत्री हेमंत साेरेन ने कहा कि विपक्ष अपने आप काे विपक्ष नहीं मान रहा है. उन्हाेंने कटाक्ष
किया कि इसका मतलब विपक्ष अपने आप काे सत्ता पक्ष के साथ ही मान रहा है, ताे यह बात ठीक ही है.
बजट सत्र को लेकर सरकार की तैयारी पूरी है. प्रतिपक्ष के नेता की मान्यता नहीं मिलने पर भाजपा द्वारा
हंगामा किये जाने की संभावना पर कहा कि ऐसा कुछ भी नहीं है. स्पीकर स्वयं सारे मामलाें काे देख रहे हैं.
जल्द बनेगी नियुक्ति नियमावली- सत्ता पक्ष
बजट सत्र को लेकर सत्ता पक्ष के विधायकों की बैठक गुरुवार रात कांके रोड स्थित मुख्यमंत्री आवास में हुई.
बैठक में बजट सत्र के दौरान विपक्ष के सवालों पर करारा जवाब देने की रणनीति बनी. मंत्रियों को पूरी तैयारी
और डाटा के साथ सदन में आने का निर्देश दिया गया.
बैठक में नियोजन नीति को लेकर विधायकों ने अपनी बात कही. कहा कि कई जगह आउटसोर्स की नियुक्तियों
में बाहरियों को रख लिया जाता है.
इस पर मुख्यमंत्री ने चिंता जतायी. उन्होंने कहा कि सरकार जल्द ही ऐसी नीति लायेगी. सीएम ने कहा कि
नियुक्तियों के लिए जल्द ही नीति बना ली जायेगी|
विभागवार नियुक्ति नियमावली बनाने के निर्देश दिये गये|
विधानसभा में आलमगीर आलम रखेंगे अनुपूरक व्यय विवरणी
संसदीय कार्यमंत्री आलमगीर आलम 28 फरवरी को विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2019-20 के तृतीय
अनुपूरक व्यय विवरणी रखेंगे|
और वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव की अनुपस्थिति में मंत्री आलमगीर आलम को व्यय विवरणी सदन पटल पर
रखने के लिए प्राधिकृत किया गया है | अतः इसको लेकर मंत्रिमंडल सचिवालय एवं निगरानी विभाग की
ओर से सूचना जारी कर दी गयी है|
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