
गढ़वा : गरीब जनता थाना प्रभारी को थाना का भगवान समझती है, जिन्हें क्षेत्र का रक्षक व न्याय का देवता समझते हैं लोग। वहीं यदि थाना प्रभारी द्वारा पैसे ले कर, कानून को बाजुओं में रखकर, उचित कार्यवाई न करना भी अपराध से कम नहीं।

भ्रष्टाचार पर सरकार अंकुश लगाने की काफी प्रयत्न कर रही है, किन्तु ऐसे थाना प्रभारी अपने कर्तव्य व दायित्व को तख्ते पर रखकर कार्य करते रहे तो कभी भ्रष्टाचार समाप्त हो पाएगा या नहीं, केवल सोचनीय तथ्य ही है। बता दें कि बरडीहा थाना प्रभारी- बलिराम सिंह द्वारा अबैध बालू लदे नीले रंग के सोनालिका ट्रेक्टर को पकड़ कर थाना पर लगाया गया। वहीं पैसा लेकर बिना किसी कार्यवाई के ही छोड़ भी दिया गया।
पुलिस निरीक्षक, मझिआंव अंचल द्वारा थाना प्रभारी से इस संबंध में पूछा गया तो वरीय पदाधिकारी को दिग्भ्रमित करने के लिए दूसरे दिन किसी अन्य नीले रंग के ट्रेक्टर को मंगाकर थाना में रखा गया व खनन विभाग को कार्यवाई हेतु प्रतिवेदन समर्पित किया गया।
साथ ही थाना प्रभारी- बलिराम सिंह द्वारा अपने संदिग्ध आचरण को छिपाने हेतु कनीय पदाधिकारी पर अनावश्यक व गलत तरीके से दबाव डाला गया। उक्त सभी तथ्यों से स्पष्ट होता है कि बरडीहा थाना प्रभारी- बलिराम सिंह का यह कृत उनके मनमानेपन, स्वेच्छाचारिता, कर्तव्यहीनता, घोर लापरवाही, वरीय पदाधिकारी का आदेशोउलंघन, संदिग्ध आचरण व अयोग्य पुलिस पदाधिकारी होने का परिचायक है।
वहीं अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी गढ़वा की अनुशंसा से सहमत होते हुए इनसे विभागीय कार्यवाही के विरुद्ध अगल स्पष्टीकरण की मांग की जा रही है। जबकि उक्त तथ्यों की गंभीरता पूर्वक देखते हुए
थाना प्रभारी- बलिराम सिंह को तत्काल प्रभाव से पुलिस अधीक्षक- गढ़वा द्वारा रविवार को निलंबित किया गया। निलंबन अवधि में इनका मुख्यालय पुलिस केंद्र गढ़वा होगा। जीवन यापन भत्ता के अलावे अन्य कोई भत्ता देय नहीं होगा।
संवाददाता- विवेक चौबे
One Comment