कोरोना वायरस : दो लाख कर्मचारियों को औसतन एक से डेढ़ लाख रुपए का होगा नुकसान
केंद्रीय कर्मचारियों के लिए एक जनवरी 2020, एक जुलाई 2020 और एक जनवरी 2021 से मिलने वाले महंगाई भत्ते पर रोक की चोट झारखंड सरकार के दो लाख

कोरोना वायरस : केंद्रीय कर्मचारियों के लिए एक जनवरी 2020, एक जुलाई 2020 और एक जनवरी 2021 से मिलने वाले महंगाई भत्ते पर रोक की चोट झारखंड सरकार के दो लाख कर्मचारियों को भी सहनी पड़ेगी। अतिरिक्त महंगाई भत्ते में भारत सरकार के फैसले के प्रावधान को ही झारखंड सरकार लागू करती है। यह परंपरा केंद्र से समझौते के तहत बिहार के समय से ही चलती आ रही है। इस कारण झारखंड सरकार के हर कर्मचारी को औसतन एक लाख से डेढ़ लाख रुपए का नुकसान उठाना पड़ सकता है।
झारखंड सरकार के कर्मचारियों के लिए यह दोहरा झटका है। इससे पहले भारत सरकार ने अप्रैल-जून की तिमाही के लिए जीपीएफ की ब्याज दर 7.9 फीसदी से घटाकर 7.1 फीसदी कर दी थी। ज्ञात हो कि सरकार हर छह महीने पर जनवरी और जुलाई में कर्मचारियों के लिए अतिरिक्त महंगाई भत्ते और पेंशनरों के लिए अतिरिक्त महंगाई राहत की घोषणा करती है। एक जनवरी 2020 से चार फीसदी अतिरिक्त महंगाई दर देने की घोषणा की गई थी। इसे केंद्र के वापस लेने के फैसले के तहत राज्य सरकार भी ले लेगी। एक जुलाई से मिलने वाले अतिरिक्त महंगाई भत्ते की घोषणा से पहले ही इस पर रोक लगा दी गई है। एक जनवरी 2021 से भी अतिरिक्त महंगाई भत्ता नहीं मिलेगा। जून 2021 तक यही स्थिति रहेगी। जुलाई 2021 में अतिरिक्त महंगाई भत्ते की घोषणा के बाद एक जनवरी 2020, एक जुलाई 2020 और एक जून 2021 के महंगाई भत्तों को भी उसमें आगे के लिए शामिल कर लिया जाएगा। हालांकि, किसी का भी एरियर कर्मचारियों को नहीं मिलेगा।
राज्य सरकार को होगी दो हजार करोड़ की बचत
केंद्र सरकार के फैसले को राज्य में लागू करने पर झारखंड सरकार को लगभग दो हजार की बचत होगी जो खजाने के लिए संबल का काम करेगा। इससे कोरोना काल और उसके बाद की परिस्थितियों में लड़ने में मदद मिलेगी।
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