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Ganesh Chaturthi 2023 : गणेश पूजा क्यों और कैसे मनाई जाती है?

गणेश पूजा एक प्रमुख हिन्दू धार्मिक पर्व है जो भगवान गणेश की पूजा और अर्चना के रूप में मनाया जाता है।

Ganesh Chaturthi 2023 : गणेश पूजा एक प्रमुख हिन्दू धार्मिक पर्व है जो भगवान गणेश की पूजा और अर्चना के रूप में मनाया जाता है। यह पर्व सप्ताहों या दस्तांतरों के साथ मनाया जाता है और इसका महत्व हिन्दू विवाह, शुभारंभ, नए व्यापार स्थापित करने, पूरे घर में सुख, शांति और समृद्धि की प्राप्ति का प्रतीक माना जाता है। इस लेख में हम गणेश पूजा के महत्व, आवश्यक सामग्री, पूजा की विधि, गणेश चतुर्थी के दिन करने और न करने योग्य कार्यों और इस पूजा के प्रमुख फायदों पर चर्चा करेंगे।

गणेश पूजा का महत्व

गणेश पूजा का महत्व और प्रभाव हिन्दू धर्म में बहुत ऊँचा माना जाता है। विघ्नहर्ता गणेश को हमेशा पचाने जाते हैं। यह पूजा नकारात्मकता को दूर करने, संकटों का निवारण करने और आर्थिक संकटों से पुन: प्राप्ति करने का एक अद्वितीय और प्रभावी तरीका है। इसके अलावा, गणेश पूजा के द्वारा लोग अपने जीवन में सुख, शांति, समृद्धि, बुद्धिमानता और सफलता की प्राप्ति करने का प्रयास करते हैं। यह पूजा पूरे विश्व में धूमधाम से मनाई जाती है, खासकर भारतीय उपमहाद्वीप में गणेश चतुर्थी के रूप में बहुत धूमधाम के साथ मनाया जाता है।

गणेश पूजा के लिए आवश्यक सामग्री

गणेश पूजा के लिए कुछ आवश्यक सामग्री की आवश्यकता होती है। निम्नलिखित सामग्री पूजा के लिए उपयोगी होती है:

  • सिंदूर
  • हल्दी
  • कुमकुम
  • गंध
  • पुष्प
  • धूप
  • दीपक
  • दूध
  • दही
  • पान के पत्ते
  • बादाम
  • अक्षत
  • नारियल
  • फूलों की माला
  • धातु का कपड़ा
  • पूजा के लिए रंगों की थाली
  • मुट्ठी भर मिट्टी

इन सामग्रियों को प्राप्त करके, पूजा की विधि को पूरा करना सरल हो जाता है। इन सामग्रियों को स्थानीय धर्मिक सामग्री की दुकानों पर आसानी से उपलब्ध किया जा सकता है।

गणेश पूजा की विधि

गणेश पूजा की विधि इस प्रकार है:

  1. सबसे पहले, पूजा स्थल को स्वच्छ और साफ सुथरा रखें।
  2. तेल, बीलपत्र, रुई और सफेद वस्त्र से दीपक को सजाएं।
  3. गणेश मूर्ति के सामने बैठें और आंखें प्राण प्रतिष्ठापन मंत्र बोलें।
  4. गणेश मूर्ति को गोले मिट्टी के गट्टे में विराजित करें।
  5. सभी सामग्री का उपयोग करके गणेश मूर्ति की पूजा करें।
  6. रंगीन फूलों की माला और पुष्प का अर्पण करें।
  7. आरती गाएं और गणेश चालीसा पढ़ें।
  8. प्रसाद के रूप में मिठाई और फल चढ़ाएं।
  9. पूजा पूरी करने के बाद, गणेश मूर्ति का विसर्जन करें और गट्टे को स्वच्छ करें।

यह गणेश पूजा की सामान्य विधि है, लेकिन आप अपने परिवार की प्रथाओं और आदतों के अनुसार इसे विवेकपूर्वक समायोजित कर सकते हैं।

गणेश चतुर्थी के दिन क्या करें और क्या न करें

गणेश चतुर्थी भारत में धूमधाम से मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण पर्व है। इस दिन कुछ कार्यों को करने और कुछ कार्यों से बचने की परंपरा बनी हुई है।

करें:

  • गणेश चतुर्थी के दिन सभी सदस्यों के साथ आपसी भाईचारे और प्रेम का आभास कराएं।
  • गणेश मूर्ति की पूजा करें और उन्हें श्रद्धापूर्वक विसर्जित करें।
  • एकांत में ध्यान लगाएं और मन की शुद्धता का निरीक्षण करें।
  • गणेश मंत्र जाप करें और प्रार्थना करें कि वे सभी विघ्नों को दूर करें और जीवन में समृद्धि लाएं।

न करें:

  • गणेश चतुर्थी के दिन किसी कार्य की शुरुआत न करें।
  • नए व्यापार की शुरुआत न करें और पुराने व्यापार में कोई परिवर्तन न करें।
  • किसी भी किस्म की आत्माहत्या न करें और किसी के प्रति कुछ भी ठोंकना न करें।

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