Chand Arg : कल करवा चौथ पर चंद्रमा को इस आसान विधि से दें अर्घ्य: जानें सरगी में क्या-क्या रखा जाता है
Karwa chauth par chand ko arg kaise de: करवा चौथ पर चंद्रदेव के दर्शन करने के साथ ही उन्हें अर्घ्य देने के बाद व्रत तोड़ा जाता है। जानें चंद्रदेव को कैसे अर्घ्य दिया जाता है-

Karwa Chauth Vrat 1 November 2023, Chand Time: 1 नवंबर 2023, बुधवार को सुहागिनें करवा चौथ व्रत रखेंगी। यह व्रत पति की लंबी आयु व सुखद वैवाहिक जीवन की खुशहाली के लिए रखा जाता है। व्रती महिलाएं शाम को चंद्र दर्शन के बाद व्रत खोलती हैं। हर साल कार्तिक मास के कृष्ण की चतुर्थी को करवा चौथ व्रत रखा जाता है। इस दिन भगवान शिव, माता पार्वती और भगवान गणेश के साथ करवा माता की पूजा की जाती है। बहन पराई वीरां, चंद चढ़े तां पाणी पीणा…करवा चौथ पर थाली फेरते समय ये लाइनें बोली जाती हैं।
करवा चौथ व्रत में चंद्रमा को कैसे दें अर्घ्य:
करवा चौथ के दिन शाम को कथा पूजा करने के बाद शाम को कलश में चांदी का सिक्का, अक्षत के साथ चंद्रमा को अर्घ्य देना चाहिए। अपनी परंपरानुसार पति के दर्शन करें। करवा चौथ इस साल बुधवार को है, ऐसे में यह ज्योतिषीय दृष्टि से अत्यंत शुभ व लाभकारी माना जा रहा है।
करवा चौथ पर चंद्रमा को कब नहीं दे सकते अर्घ्य:
ज्योतिषियों के अनुसार सूतक-पातक व मासिक धर्म होने पर महिलाएं चंद्रमा को अर्घ्य नहीं दे सकती हैं। ऐसी स्थिति होने पर पांच बार चावल चंद्र को अपर्ण करें। इस दौरान चंद्रदेव की पूजा की मनाही होती है। ऐसे में करवा चौथ व्रत कथा पुस्तक छूने की मनाही होती है। कथा भी किसी और से सुन सकते हैं।
करवा चौथ के दिन चंद्रदर्शन का समय: 08:15 पी एम
व्रत प्रारंभ करने से पहले खाते हैं सरगी: करवा चौथ के व्रत में सरगी का विशेष महत्व है। इसमें सास अपनी बहू को सात चीजें और सुहाग का सामान देती है। इन सात चीजों में फल, ड्राई फ्रूट, बहू की पसंदीदा मिठाई, मीठी और नमकीन मट्ठी, फेनियां, चाय-दूध और नारियल होता है। आपको बता दें कि सरगी को सुबह तारों की छांव में ही खाया जाता है और इसके बाद व्रत प्रारंभ हो जाता है। सरगी खाने के बाद पूरे दिन महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं।